COMPLETE DIWALI POOJAN VIDHI IN HINDI AND ENGLISH LANGUAGE
सऩ रण दऩावल दऩावल ऩ ऩ जन वध ूरण ूजन वध Omkar Baba Ji Contact : 09873064466 (Please contact Omkar Baba Ji to know Puja muhurta)
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Diwali Puja Process A Diwali pooja is worship to the Deities of the Hindu Religion in the form of prayer, offerings and sacrifices. The day of Diwali is important since it signifies the worship and praise of devotees to the various deities; but most importantly, it is a day of praise to to Goddess Lakshmi and by extension the divine mother of the entire universe and the earthly (physical) mother. Most devout Hindus perform the Dipavali Pooja in a fixed, ritualistic pattern, by celebrating in praise and offerings to Lord Ganesh, Lord Shiva, The Nine Planets, Kalsa (representing (representing the Universe) and Mother Lakshmi . During the Dipavali Poojan, offerings are made to the fire (Agni devta), which is viewed as the mouth of the Divine- it is the actual feeding of the God. During Diwali
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दऩावल ऩ दऩावल ऩ जन वध ूजन वध काितक भास क भास क क अभावमा अभावमा का का दन दन दऩावर दऩावर के के ऩ भ ऩ भ ऩ भ फडी ध फडी ध भ -धाभ से धाभ से भनामा जाता भनामा जाता हह। इसे यशनी ूयेये देश भ ूभ का ऩि का ऩिव बी कहा बी कहा जाता जाता हैहै। कहा जाता कहा जाता हैहै क काि क काितक अभावमा क अभावमा क क बगवान बगवान याभच जी याभच जी चौदह चौदह विविष का फनवास का फनवास ऩ ऩ या कय अममा अममा रौटे रौटे ूया कय थे। अममा वासम अममा वासम ने ने ी याभच ी याभच के के रौटने क ख क ख शी ुशी भ दऩ जराकय दऩ जराकय ख ख शमा भनामी थीॊ भनामी थीॊ, इसी माद इसी माद भ भ आज ुशमा तक दऩावर तक दऩावर ऩय ऩय दऩक दऩक जराए जराए जाते जाते ह औय कहते औय कहते ह क इसी दन इसी दन भहायाजा भहायाजा वभादम वभादम का का याजतरक याजतरक बी बी ह आ ुह आ था। आज के आज के दन माऩाय दन माऩाय अऩने अऩने फह खाते फह खाते फदरते है तथा राब हान राब हान का का मौया मौया तै तैमाय कयते माय कयते ह। दऩावर ऩय दऩावर ऩय ज ज आ ुआ
Pooja, sixteen prescribed steps occur (symbolic of the sixteen ceremonies to be completed in the life span of a Hindu) including the welcoming of the Deity, giving the Deity a place to sit, the washing of the feet, decorating the Deity, and the offering of food items, clothing or money to seek blessings. Fresh, sweet-scented flowers along with specific herbs and plants are used, as well as Jhal/Phaag (a combination of milk, ghee, honey and spices). The planting of flags with significant colors associated with the deities is used to symbolize the offerings. In addition, this particular Pooja not only celebrates happiness with light, but with song, chanting, tasting of food, ringing of bells, and the blowing of Conch shells as blessings are bestowed among family members. Tiny lamps of clay are lighted to drive away the shadows of evil spirits and Selfenlightenment is expressed. It is believed that on this day Lakshmi visits each household and showers her blessings on man for plenty and prosperity. Once the ceremonial worship is finished in the evening, sweets are offered to the goddess as "Naivedya" and distributed as "Prasad". Feasts are arranged and gifts are a re exchanged on this day. Gaily dressed men, women and children go to temples and fairs, visit friends fr iends and relatives. One of the most curious customs, which characterizes this festival of Dipavali, is the indulgence of gambling, especially on a large scale in North India. It is believed beli eved that Goddess Parvati played dice with her husband, Lord Shiva on this day and she decreed that whosoever gambled on Diwali night would prosper throughout the ensuring year. This tradition of playing cards- flush and rummy with stakes on this particular day continues even to day. Diwali is the festival of Laxmi, the Goddess of prosperity and wealth. It is believed that Goddess Laxmi visit everyone ever yone during Diwali and brings peace and prosperity to all. On the night of Diwali "Lakshmi-Pujan" is performed in the evenings. A traditional Pujan is performed after sunset in all the homes. Five pieces of ghee diyas (lamps) are lit in
खेरने रने क बी क बी था था हह। इसका धान इसका धान रम रम विविष बय भ बय भ बाम क बाम क ऩयऺ ऩयऺ ा कयना है कयना है। रग ज रग ज आ खेरकय मह रकय मह ऩता ऩता ुआ खे रगाते ह क उनका क उनका ऩ ऩ या सार कै कैसा यहे सा यहेगा। ूया सार ऩ जन वधान दऩावर ऩय दऩावर ऩय भा भा रभी व रभी व गणे गणेश के के साथ ूजन वधान सयवती भै सयवती भैमा क मा क बी बी ऩ ऩ जा क जाती जाती हैहै। बायत भे बायत भे ूजा क दऩावर ऩयऩ दऩावर ऩयऩ यऩयाओॊ का महाय का महाय हैहै। ऩ य ऩयऩया व व ूय ऩयऩया ा के ा के साथ दऩावर साथ दऩावर का का ऩ ऩ जन कमा जाता जाता हैहै। इस दन इस दन ूजन कमा रभी ऩ रभी ऩ जन भ भा रभी क रभी क तभा तभा मा मा च च क क ऩ ऩ जा क ूजन भ ूजा क जाती है जाती है। इसी तयह इसी तयह रभी रभी जी जी का का ऩाना ऩाना बी बी फाजाय फाजाय भ भ भरता है भरता है जसक ऩयऩयागत जसक ऩयऩयागत ऩ ऩ जा क जानी जानी अनवाि अनवािम ूजा क है। गणेश ऩ ऩ जन के फना कई फना कई बी बी ऩ ऩ जन अध या हता हैहै ूजन के ूजन अध ूया हता इसरए रभी इसरए रभी के के साथ गणे साथ गणेश ऩ ऩ जन बी कमा कमा जाता जाता हैहै। ूजन बी सयवती क सयवती क ऩ ऩ जा का कायण कायण मह मह हैहै क धन क धन व व स स के के ूजा का साथ ऻान साथ ऻान बी बी ऩ ऩ जनीम है इसरए ऻान इसरए ऻान क क ऩ ऩ जा के रए ूजनीम है ूजा के भा सयवती क सयवती क ऩ ऩ जा क जाती जाती हैहै। ूजा क इस दन इस दन धन धन व व रभी रभी क क ऩ ऩ जा के ऩ भ ऩ भ रग रभी रग रभी ूजा के ऩ जा भ नट क नट क गडी गडी व व चा चाद के द के सके बी यखते बी यखते ह। इस ूजा भ दन यॊ दन यॊगर सजाकय र सजाकय भा भा रभी क रभी क ख ख श कमा जाता जाता हैहै। ुश कमा इस दन इस दन धन धन के के देवता क ता क य , इ दे इ देव तथा तथा सभत सभत ु फेय भनयथ क भनयथ क ऩ ऩ या कयने वारे वण बगवान क बी बी ऩ ऩ जा ूया कयने ु बगवान क ूजा क जाती क जाती हैहै। तथा यॊ तथा यॊगर सपे र सपेद व द व रार रार भी भी से से फनाकय व यॊ व यॊग फयॊ फयॊगे यॊग से से सजाकय फनाई सजाकय फनाई जाती जाती हैहै। वध दऩावर के दऩावर के दन दऩक दन दऩक क क ऩ ऩ जा का वशे वशेष भहव ष भहव ूजा का ह। इसके रए द रए द थार थार भ भ दऩक यख दऩक यख। छ चौभ खे दऩक ुखे दन थार दन थार भ भ यख। छफीस छटे छफीस छटे दऩक बी दऩक बी दन दन थार थार भ भ सजाम। इन सफ इन सफ दऩक दऩक क क जवरत जवरत कयके कयके जर , यर , खीर फताशे खीर फताशे, चावर , ग ड, अफीय , ग रार , ध ऩ , आद से आद से ुड ुरार ूऩ ऩ जन कय औय टका औय टका रगाव रगाव। माऩाय रग माऩाय रग द द कान क ूजन कय ुकान क गी ऩय गी ऩय गणे गणेश रभी रभी क क तभा तभा यखकय यखकय ऩ ऩ जा कय। इसके ूजा कय फाद घय फाद घय आकय आकय ऩ ऩ जन कय। ऩहरे ऩ ष पय मा मा ऩ जन ूजन कय ुष पय ूजन कय। मा चावर का चावर का फामना फामना नकारकय नकारकय कय कय उस उस ऩमे ऩमे यखकय अऩनी यखकय अऩनी सास सास के के चयण ऩि चयण ऩिश कयके उह दे द तथा आशीवािद ात कय ात कय। ऩ जा कयने के फाद दऩक फाद दऩक क क घय घय भ भ ूजा कयने जगह -जगह ऩय जगह ऩय यख यख। एक चौभ एक चौभ खा , छ छटे दऩक गणेश ुखा रभीजी के रभीजी के ऩास यख ऩास यख दद। चौभ खा दऩक का का काजर काजर सफ सफ ुखा दऩक फडे फ अऩनी आख भ ख भ डार। ुढेढे फचे अऩनी आ
front of the deities, naivedya of traditional sweets is offered to the Goddess and devotional songs are sung in praise of Goddess Laxmi. After Deepawali Puja people light diyas (lamps) in their homes to usher in light and clear the darkness from the world. In villages cattle are adorned ador ned and worshipped by farmers as they form the main source of their income. In south, cows are offered special veneration as they are supposed to be the incarnation of Goddess Lakshmi and therefore they are adorned and worshipped on this day.
Step By Step Diwali Pujan: First clean the Puja room and then Bathe each Deity (Lakshmi & Ganesh) first with water, then with panchamitra/or rose water, followed by water once more Now put Deepak (Lamp) in front front of the Deities - As the tiny diyas of clay are lighted to drive away the shadows of evil spirits Make a Panchamitra with 5 ingredients of milk, curd, ghee (clarified butter), sugar & Honey. Place Few mithais, snacks & fruits as a prashad. Make offerings of flowers, Abir (red colour), Sindoor (vermillion) and Haldi (turmeric). Light the Agarbatti (incense sticks) and lamps filled with Ghee. Now make offerings of Fruit, Sweet dishes (mithai), Salty snacks (Mathis, Ghathia, Namakpare) and offer Dakshina (token money), which could be given to the poor. In the end offer paan (betel leaves), cloves. Now pray to the deities to seek their blessings. Ganesh Pooja : Ganesh Puja is a must for deepawli Puja. (Lord Ganesha is to be worshipped in all pujas before any other God or Goddess.) (Ganesh Aarti is sung) Laxmi Pooja : Place Lotus and other flowers at her feet as an offering. A silver coin is placed in front of the Goddess during the puja. Now perform Aarti with flowers in hand (Lakshmi Aarti is sung). After Deepawali Pujan have the Prasad
दऩावर ऩ दऩावर ऩ जन कैसे से कय कय ूजन कै
ात नान कयने नान कयने के फाद वछ फाद वछ व व धायण धायण कय कय। अफ नन अफ नन सॊ सॊकलऩ से कलऩ से दनबय उऩवास दनबय उऩवास यह यह भभ सि भभ सिवाऩछाॊ ाऩछाॊतऩ तऩ मफरऩ टनैमाद माद ूिवकदिघाम ुमफरऩ ुटनै सकरश बपर ामथं ुबपर ामथं गजत यगयथयामैवि विमादसकरसऩदाभ ादसकरसऩदाभ तयतयाबव ुयगयथयामै ुतयतयाबव ृ मथं इॊक यसहतीरभीऩ जनॊ कयमे। ूजनॊ ु फेयसहतीरभीऩ
सॊमा के मा के सभम ऩ सभम ऩ न नान कय नान कय। ुन रभीजी के रभीजी के वागत क वागत क तै तैमाय भ माय भ घय क घय क सपाई सपाई कयके कयके दवाय क दवाय क च च ने अथवा गे अथवा गे से से ऩतकय रभीजी ऩतकय रभीजी का का च च ूने फनाएॊ। (रभीजी का रभीजी का छामाच छामाच बी बी रगामा रगामा जा जा सकता सकता है।) बजन भ बजन भ वादट मॊ वादट मॊजन जन , कदर पर कदर पर , ऩाऩ तथा ऩाऩ तथा अनेक काय क काय क क भठाइमा भठाइमा फनाएॊ। रभीजी के रभीजी के च के च के साभने एक चौक एक चौक यखकय यखकय उस उस ऩय ऩय भौर फा भौर फाध ध। इस ऩय इस ऩय गणे गणेशजी क जी क भी भी क क भ भ त ि थाऩत कय थाऩत कय। ूति पय गणे पय गणेशजी क शजी क तरक तरक कय कय ऩ ऩ जा कय। ूजा कय अफ चौक अफ चौक ऩय ऩय छ छ चौभ खे व 26 छटे दऩक यख दऩक यख। ुखे इनभ तेर र- फती डारकय फती डारकय जराएॊ जराएॊ। पय जर पय जर , भौर , चावर , पर , ग , अफीय , ग रार , ध ऩ ु ुरार ूऩ आद से आद से वधवत ऩ वधवत ऩ जन कय। ूजन कय ऩ जा ऩहरे ऩ ष तथा फाद फाद भ भ माॊ कय। ूजा ऩहरे ुष तथा ऩ जा के फाद एक फाद एक -एक दऩक एक दऩक घय घय के के कन भ कन भ जराकय यख जराकय यख। ूजा के
and go out to burst Diwali Crackers.
एक छटा एक छटा तथा तथा एक एक चौभ चौभ खा दऩक यखकय यखकय नन नन भॊ भॊ से से ुखा दऩक रभीजी का रभीजी का ऩ ऩ जन कय ूजन कय
नभते सिवदेवानाॊ वयदास हये वयदास हये मा। मा गतवऩनानाॊ मा गतवऩनानाॊ सा भे सा भे ब मावदिचनात॥ ूमावदि
इस भॊ इस भॊ से से इॊ का का मान मान कय कय ऐयावतसभाढ वहत ऐयावतसभाढ वहत भहाफर। भहाफर। शतमऻाधऩ दे शतमऻाधऩ देवतभा इॊ तभा इॊाम ते ाम ते नभ॥
इस भॊ इस भॊ से से क य का मान मान कय कय ु फेय का धनदाम नभत धनदाम नभत मॊ नधऩाधऩाम च। नधऩाधऩाम च। ुमॊ बवॊत त ु वसादाभे धनधामादसऩद॥
इस ऩ इस ऩ जन के ऩचात तजय ऩचात तजय भ भ गणेशजी तथा जी तथा रभीजी रभीजी ूजन के क भ क भ त ि यखकय वधवत यखकय वधवत ऩ ऩ जा कय। ूति ूजा कय तऩचात इछान तऩचात इछान साय घय क क फह फह टम क आशीष आशीष ुसाय घय ू-फेटम क औय उऩहाय औय उऩहाय दद। रभी ऩ रभी ऩ जन यात के के फायह फजे फायह फजे कयने का वशे का वशेष भहव ष भहव हैहै। ूजन यात इसके रए एक रए एक ऩाट ऩाट ऩय ऩय रार रार कऩा कऩा फछाकय फछाकय उस उस ऩय ऩय एक एक जी रभी जी रभी तथा तथा गणे गणेशजी क शजी क भ भ सभीऩ ह एक एक ूिित यख। सभीऩ ह सौ एक सौ एक ऩए ऩए , सवा से सवा सेय चावर य चावर , ग , चाय के चाय केरे र,े भ र , हय ु ूर वाय क वाय क पर पर तथा तथा ऩा ऩाच रड च रड यखकय रभी -गणेश का श का ू यखकय रभी ऩ जन कय। ूजन कय उह रड ओॊ से बग रगाए बग रगाए। ु ओॊ दऩक का दऩक का काजर काजर सबी सबी ी ी -ऩ ष आख भ ख भ रगाएॊ। ुष आ पय या पय या जागयण जागयण कय कय गऩार गऩार सहनाभ सहनाभ ऩाठ ऩाठ कय कय।
इस दन इस दन घय घय भ भ फलर आए फलर आए त त उसे उसे बगाए नहॊ। फे-फ ज ुग के ग के चयण क चयण क वॊवॊदना कय दना कय। ुज मावसामक तठान मावसामक तठान , गी क गी क बी बी वधऩ वधऩ क ऩ जा ूिवक ऩ ूजा कय। यात क यात क फायह फायह फजे फजे दऩावर ऩ दऩावर ऩ जन के उऩयात च उऩयात च ने मा गे मा गे ूजन के ूने भ ई बगकय ई बगकय चक चक , च लहा , सलर , रा तथा रा तथा छाज छाज ूलहा (स ऩ ) ऩय कॊ ऩय कॊक क क आजकर घय घय भे भे ूऩ ू से तरक कय। (हाराॊक आजकर मे सबी चीज सबी चीज भौज द नहॊ है रेकन बायत कन बायत के के गाव भ व भ औय ूद नहॊ छटे कफ भ कफ भ आज बी आज बी इन इन सबी सबी चीज चीज का का वशे वशेष भहव ष भहव है मक जीवन मक जीवन औय औय बजन बजन का का आधाय आधाय मे मे ह ह ह ह) द सये दन ातकार दन ातकार चाय चाय फजे फजे उठकय ऩ उठकय ऩ याने छाज भ छाज भ क ूसये ुयाने ू ा यखकय उसे यखकय उसे द य प कने के रए रे रए रे जाते सभम कह सभम कह 'रभी ूय प रभी आओ रभी आओ , दय -दय जाओ दय जाओ '। रभी ऩ रभी ऩ जन के फाद अऩने फाद अऩने घय के घय के त रसी के गभरे भ, ूजन के ुरसी के ऩौध के ऩौध के गभर भ गभर भ घय के घय के आसऩास भौज आसऩास भौज द ऩे के के ऩास ूद ऩे दऩक यख दऩक यख औय अऩने ऩसम के ऩसम के घय बी घय बी दऩक दऩक यखकय यखकय आएॊ।
भॊ - ऩ ऩाॊजर जर : ुऩाॊ ( अऩने हाथ भ हाथ भ ऩ ऩ रेकय नन य नन भॊ भॊ क क फर फर) : ुऩ रे
ॐ मऻेन मऻभमजत न मऻभमजत देदेवातान धि ातान धिभाण ाण थभामासन ् । तेह नाकॊ ह नाकॊ भहभान सचत म सचत म ऩ ऩ व सामा सत दे सत देवा ूव ॥ ॐ याजाधयाजाम सम याजाधयाजाम सम साहने साहने नभ वमॊ नभ वमॊ वैवणाम वणाम क ु िभहे । स भे स भे काभान ् काभकाभाम भमॊ काभकाभाम भमॊ काभेवय वै वय वैवण ददात वण ददात ु ॥ क याम वैवणाम भहायाजाम वणाम भहायाजाम नभ नभ । ु फेयाम वै ॐ भहारमै नभ, भॊऩ ऩ ऩाॊजरॊ जरॊ सभिऩमाभ । माभ । ुऩाॊ
हाथ भ रए प रए प र भहारभी ऩय ऩय चा चा दद। ) (हाथ भ ू र भहारभी दऺ णा कय कय , साटाॊग णाभ ग णाभ कय कय , अफ हाथ अफ हाथ जकय जकय नन ऺभा नन ऺभा ाि ािथना फर ना फर :-
ऺभा ाि ऺभा ािथना : आवाहनॊ न जानाभ न जानाभ न न जानाभ जानाभ वसि वसिजनभ ् ॥ ऩ जाॊ चैव न व न जानाभ जानाभ ऺभव ऺभव ऩयभे ऩयभेवय ॥ वय ॥ ूजाॊ भहनॊ माहनॊ बतहनॊ स वय । ुयेयेवय । मऩ जतॊ भमा दे भमा देव ऩयऩ व ऩयऩ ूजतॊ ूिण तदत ु भे ॥ वभेव भाता व भाता च च ऩता ऩता वभे वभेव व वभेव फध व फध च सखा वभे वभेव । व । ुच सखा वभेव वमा व वमा वणॊ वणॊ वभेव व वभेव सि व सिवभ ् भभ दे भभ देवदेव । । ऩाऩऽहॊ ऩाऩकिभाहॊ ाहॊ ऩाऩाभा ऩाऩसबव ऩाऩाभा ऩाऩसबव । ाह भाभ ाह भाभ ् ऩयभे ऩयभेशान सि शान सिवऩाऩहया बव ऩाऩहया बव ॥॥ अऩयाधसहाण मते अऩयाधसहाण मतेऽहि ऽहिनशॊ भमा । भमा । दासऽमभत भाॊ दासऽमभत भाॊ भवा ऺभव भवा ऺभव ऩयभे ऩयभेवय ॥ वय ॥
ऩ जन सभिऩण : ूजन सभि हाथ भ हाथ भ जर रे जर रेकय नन य नन भॊ भॊ फर फर :'ॐ अनेन मथाशत न मथाशत अि अिचनेन ी न ी भहारभी भहारभी
सीदत ु'
(जर छ जर छ दद , णाभ कय णाभ कय )
वसिजन : अफ हाथ अफ हाथ भ भ अऺत र अऺत र (गणेश एवॊ श एवॊ भहारभी क भहारभी क तभा तभा
क छकय क छकय अम अम सबी सबी ) तठत दे तठत देवताओॊ क अऺत क अऺत छते ुह ए नन ए नन भॊ भॊ से से वसिजन कि न किभ कय कय :-
मात जाभादाम भाभकभ ् । ऩ ु देवगणा सव ूजाभादाम भाभकभ इटकाभसभ मथं ऩ निअऩ ऩ ऩ ऩ नयागभनाम च ॥॥ ुनि ुनयागभनाम च ृमथं
ॐ आनॊद द ! ॐ आनॊद द !! ॐ आनॊद द !!! लमीजी क लमीजी क आती आती
ॐ जम रभी जम रभी भाता भाता , भैमा जम मा जम रभी रभी भाता भाता ।। ... त भक नसदन से सेवत हय वत हय -वण धाता ॥ॐ जम ... ुभक नसदन ु-धाता ॥ॐ
उभा , यभा , भाणी , त भ ह जग जग -भाता । भाता । ुभ ह ... स चभा मावत , नायद ऋष नायद ऋष गाता गाता ॥ॐ ॥ॐ जम ... ूिम-चभा मावत
त भ ऩातार -नयॊजन , स ख- सऩत -दाता । दाता । ुभ ऩातार ुख जकई त जकई त भक मावत , ऋ -स -धन ऩाता धन ऩाता ॥ॐ ॥ॐ ुभक मावत ... जम ... त भ ऩातार -नवासन , त भ ह श श बदाता । ुभ ऩातार ुभ ह ुबदाता । ... किभ-बाव -काशन , बवनध क बवनध क ाता ाता ॥ॐ ॥ॐ जम ...
जस घय जस घय त त भ यहती , तह सफ सग ण आता ।। सफ सग ुभ यहती ुण आता ... सफ सबव सफ सबव ह ह जाता जाता , भन नहॊ भन नहॊ घफयाता ॥ॐ घफयाता ॥ॐ जम ...
त भ फन मऻ मऻ न न हते हते, व न व न ह ह ऩाता ऩाता ।। ुभ फन ... खान -ऩान का ऩान का वैवैबव सफ बव सफ त त भसे आता ॥ॐ आता ॥ॐ जम ... ुभसे
श ब- ग ण- भॊदय स दय स दय , ऺीयदध -जाता । जाता । ुब ुण ुदय ... यन चत यन चत श त भ फन कई कई नहॊ नहॊ ऩाता ॥ॐ ऩाता ॥ॐ जम ... ुिदश त ुभ फन
भहारभीजी क भहारभीजी क आयती आयती , ज कई ज कई नय नय गाता गाता ।। ... उय आनद उय आनद सभाता सभाता , ऩाऩ शभन ऩाऩ शभन ह ह जाता जाता ॥ॐ ॥ॐ जम ...
आयती कयके (आयती कयके
शीतरकयण हे शीतरकयण हेत ु जर छ जर छ एवॊ वमॊ आयती र आयती र, ऩ जा भ सभरत सबी सभरत सबी रग रग क क आयती आयती दद ूजा भ पय हाथ पय हाथ ध ध र र।) ऩयभाभा क ऩयभाभा क ऩ ऩ जा भ सफसे मादा भहव मादा भहव हैहै बाव का बाव का , ूजा भ कसी बी कसी बी शा शा मा मा धाि धािभक ऩ क ऩ तक भ ऩ जा के साथ धन साथ धन ुतक भ ूजा के सॊऩत क ऩत क नहॊ नहॊ ज ो ज ा गमा ा इस रक भ भ ऩ जा के ो गमा हैहै। इस रक ूजा के भहव क भहव क दिदिशामा ामा गमा गमा हैहै'ऩॊ ऩ ऩॊ परॊ तमॊ म भे म भे बमा मछत। बमा मछत। ुऩॊ
तदहॊ बम ऩतभनाभ मताभन॥' ु ऩतभनाभ मताभन॥ ऩ म ऩाॊ ुड डयॊ यॊग शाी शाी अठवरे अठवरेजी भहायाज जी भहायाज ने ने इस रक इस रक क क ूम ऩाॊ मामा इस मामा इस तयह तयह से से क है क है 'ऩ , ऩ ऩ , पर मा पर मा जर जर ज ज भ भ झे (ईवय क ईवय क ) बतऩ ुऩ ुझे ूिवक
अिऩण कयता ण कयता हैहै, उस श उस श चत वारे वारे बत के बत के अिऩण कए ण कए ु चत ए ऩदािथ क भ क भ हण कयता हण कयता ह ।' ुह ए ऩदाि ूह बावना से बावना से अिऩण क ण क ह ई अलऩ वत वत क बी बगवान बगवान सहि सहिष ु क बी ुह ई अलऩ वीकाय कयते वीकाय कयते ह। ऩ जा भ वत का नहॊ, बाव का बाव का भहव भहव ूजा भ ु का नहॊ है। ऩयॊत ु भानव जफ भानव जफ इतनी इतनी बावावथा बावावथा भ भ न यहकय न यहकय वचायशीर जाग वचायशीर जाग त ब भका ऩय हता हता हैहै, तफ बी तफ बी उसे उसे रगता ूभका ऩय ृत ब है क ब क ब ऩय केवर ऩ वर ऩ , ऩ ऩ , पर मा पर मा जर जर चाना चाना सचा सचा ु ऩय के ुऩ ऩ जन नहॊ है। मे सबी त सबी त सचे सचे ऩ जन भ मा -मा हना मा हना ूजन नहॊ ूजन भ चाहए , मह सभझाने मह सभझाने वारे तीक ह तीक ह। ऩ मानी ऩ मानी ऩता। ऩता। बगवान बग बगवान बग के के नहॊ, बाव के बाव के ब खे ह। ूखे बगवान शवजी बगवान शवजी फलव फलव ऩ ऩ से से सन हते सन हते ह, गणऩत द क नेह से ह से वीकायते ह औय त औय त रसी नायामण -मा ूिवा क ने ुरसी नायामण ह! अलऩ भ अलऩ भ लम क वत वत बी दमऩ क बगव चयण चयण भ भ ूलम क ुएॊएॊ बी दमऩ ूिवक बगव अिऩण क ण क जाए जाए त त वेवे अभ लम फन जाती जाती हह। ऩ जा ूलम फन ूजा दमऩ क हनी चाहए चाहए , ऐसा स ऐसा स चत कयने के रए ह रए ह त त ूिवक हनी ूचत कयने नागवलर के नागवलर के दमाकाय ऩते दमाकाय ऩते का ऩ का ऩ जा साभी भ भ सभावेश श ूजा साभी नहॊ कमा गमा कमा गमा हगा हगा न न ! ऩ मानी ऩ मानी वेवेद द- ऻान , ऐसा अि ऐसा अिथ त गीताकाय त गीताकाय ने ने ख द ह ुद ह 'छदाॊस मम स मम ऩिऩिणान ान ' कहकय कमा कहकय कमा हैहै। बगवान क बगवान क क छ दमा जाए जाए वह वह ऻानऩ ऻानऩ क मा वेवेदशा दशा ूिवक , सभझऩ ूिवक मा ु छ दमा क आऻान क आऻान साय दमा जाए जाए , ऐसा महाॊ ऐसा महाॊ अऩेऺ त ऺ है। सॊऺे ऺऩ ऩे ुसाय दमा
भ ऩ जन के ऩीछे का अऩे का अऩेऺ त ऺ भॊ मान मान भ भ यखकय ऩ यखकय ऩ जन ूजन के ूजन कयना चाहए। कयना चाहए। भॊश श म ऩ जा केवर एक वर एक फाम फाम माॊ माॊक क ूम ऩ ूजा के मा फनी मा फनी यहती यहती हैहै, जसक नीयसता जसक नीयसता ऊफ ऊफ नि निभाण ाण कयके कयके भानव क भानव क थका थका देदेती है ी है। इतना ह इतना ह नहॊ नहॊ, आगे चरकय इस चरकय इस ऩ जाकाॊड के ड के रए भानवके रए भानवके भन भ भन भ एक काय एक काय क क अच अच ूजाकाॊ बी नि बी निभाण ाण हती हती हैहै।
दऩावल ऩ दऩावल ऩ जन सामगी ूजन सामगी ध ऩ फती (अगयफती ) ूऩ फती चॊदन दन कऩ य ूय केसय सय मऻऩवीत 5 क ु ॊ क ु चावर अफीय ग रार , अक ुरार हलद सौबाम म सौबाम म - भेह ह द द च ी , काजर , ऩामजेफ फ, ूी फछ ी आद आब आब षण ु ी आद ूषण नाा ई यर , सॊद द ूय य स ऩाय , ऩान के ऩान के ऩते ुऩाय ऩ ऩभारा , कभरगे ुऩभारा
धनमा खा धनमा खा सतभ तका ृतका सतधाम क शा व द द ूिवा ु शा व ऩॊच भे च भेवा वा गॊगाजर गाजर शहद (भध ु) शकय घ त (श घी ) ु घी ृत दह द ध ूध ऋत पर ुपर (गना , सीतापर , सॊघाे घाे इमाद )
नैवेवेम मा म मा भठान भठान (ऩेा ा , भारऩ ए इमाद ) ुए इमाद इरामची (छट ) रग भौर इ क इ क शीशी शीशी त रसी दर ुरसी दर सॊहासन हासन (चौक , आसन ) ऩॊच ऩलरव च ऩलरव (फ , ग रय , ऩीऩर , आभ औय आभ औय ऩाकय ऩाकय के के ऩते) ूरय औषध (जटाभॉसी , शराजीत आद शराजीत आद ) रभीजी का रभीजी का ऩाना ऩाना (अथवा भ अथवा भ त)ि ूति गणेशजी क जी क भ भ त ि ूति
सयवती का सयवती का च च चाद का द का सका सका रभीजी क रभीजी क अि अिऩत कयने त कयने हेत ु व गणेशजी क जी क अि अिऩत कयने त कयने हेत ु व अफका क अफका क अि अिऩत कयने त कयने हेत ु व जर करश जर करश (ताफेफे मा भी मा भी का का ) सपेद कऩा द कऩा (आधा भीटय आधा भीटय ) रार कऩा रार कऩा (आधा भीटय आधा भीटय ) ऩॊच यन च यन (साभिम अन साय ) ुसाय दऩक फे दऩक के दऩक के रए ते रए तेर र ताफ र (रग रगा रग रगा ऩान ऩान का का फीा फीा ) ूर ीपर (नायमर ) धाम (चावर , गे ू ह ) रेखनी (करभ ) फह -खाता , माह क माह क दवात दवात त रा (तयाज ुरा ू) ऩ ऩ (ग राफ एवॊ रार कभर रार कभर ) ुऩ ुराफ एवॊ एक नई एक नई थै थैर भ र भ हलद क हलद क गा गाठ ठ , खा धनमा खा धनमा व व द द ूिवा आद खीर -फताशे अिम ऩा सहत ऩा सहत अम अम सबी सबी ऩा ऩा
लमी ऩ लमी ऩ जा का थान थान ईशान ईशान कोर कोर ूजा का भम ऩ भम ऩ याण के अन साय अनेक दऩक क दऩक से से रभीजी क रभीजी क ुयाण के ुसाय अने
आयती कयने आयती कयने क दऩावर क दऩावर कहते कहते ह। धन -वैबव औय बव औय सौबाम ात सौबाम ात के के रए दऩावर रए दऩावर क क या या क क रभीऩ जन के रए े रए ेठ भाना ठ भाना गमा गमा हैहै। ीभहारभी ूजन के ऩ जन , भॊजाऩ जाऩ , ऩाठ तॊ ऩाठ तॊाद साधन ाद साधन के के रए दष रए दष , ूजन नशीथ , भहानशीथ कार भहानशीथ कार व व साधनाकार साधनाकार अन अन ठानान साय ुठानान ुसाय अरग -अरग भहव अरग भहव यखते यखते ह। ऩ जा के रए ऩ रए ऩ जाथर ूजा के ूजाथर तैमाय कयते माय कयते सभम दशाओॊ सभम दशाओॊ का बी का बी उचत उचत सभवम सभवम यखना यखना जय है जय है।
ऩ जा का थान थान ईशान ईशान कण कण (उतय -ऩ क ओय ूजा का ूिव दशा ) क ओय फनाना श फनाना श ब है। इस दशा इस दशा के के वाभी बगवान वाभी बगवान शव शव हह, ज ुब है ऻान एवॊ ऻान एवॊ वमा के वमा के अधठाता ह अधठाता ह। ऩ जाथर ऩ ूजाथर ऩ ूिव मा उतय दशा उतय दशा क क ओय ओय बी बी फनामा फनामा जा जा सकता सकता हैहै। ऩ जाथर ूजाथर क सपे क सपेद मा द मा हलके हलके ऩीरे यॊग से से यॊग। मे यॊग शाॊ शाॊत त , ऩवता औय आमाभक औय आमाभक गत गत के के तीक ह तीक ह। देवी -देवताओॊ क भ तथा च ऩ ऩ उतय दवाय ऩय ऩय इस इस काय काय यख यख क ूिितमाॊ तथा च ूिव-उतय दवाय उनका भ उनका भ ख दऺ ण मा ऩचभ मा ऩचभ दशा दशा क क तयप तयप यहे यहे। ुख दऺ
ऩ जा करश ऩ ऩ दशा भ उतय छय उतय छय के के सभीऩ यखा सभीऩ यखा जाए जाए ूजा करश ूिव दशा भ तथा हवनक तथा हवनक ड मा मऻवे मऻवेद का द का थान थान ऩ ऩ जाथर के ूजाथर के ु ॊ ड मा आनेम कण म कण (दऺ ण -ऩ क ओय यहना यहना चाहए। चाहए। ूिव दशा ) क ओय रभीजी क रभीजी क ऩ ऩ जा के दऩक उतय दऩक उतय दशा दशा क क ओय ओय यखे यखे ूजा के जाते ह। ऩ जा , साधना आद साधना आद के के रए उतय रए उतय मा मा ऩ ऩ मा ऩ ूजा ूिव मा ऩ ूिवउतय दशा उतय दशा क क ओय ओय भ भ ख कयके फैठना उतभ ठना उतभ हैहै। ुख कयके तॊसाधना के साधना के रए ऩचभ रए ऩचभ दशा दशा क क तयप तयप भ भ ख यखा ुख यखा जाता है जाता है।
दऩावर भ दऩावर भ दऺ णवत शॊख का ख का वशे वशेष भहव ष भहव हैहै। इस शॊख क ख क वजम वजम , स ख- सभ व रभीजी रभीजी का का साऺात साऺात ुख ृ व तीक भाना तीक भाना गमा गमा हैहै। दऺ णवत शॊख क ख क ऩ ऩ जा भ इस ूजा भ काय यख काय यख क इसक क इसक ऩ ऩ छ उतय -ऩ दशा क ओय ओय यहे यहे। ू ॊछ उतय ूिव दशा क ीमॊ रभीजी रभीजी का का म म हैहै। इसक थाऩना इसक थाऩना उतय उतय -ऩ ूिव दशा भ दशा भ कयनी चाहए। कयनी चाहए।
रभीजी के रभीजी के भॊ का का जाऩ जाऩ पटक पटक व व कभरगे कभरगे क भारा क भारा से कमा जाता कमा जाता हैहै। इसका थान इसका थान ऩ ऩ जाथर के उतय क उतय क ूजाथर के
ओय हना ओय हना चाहए। चाहए। ी आमशॊ ी आमशॊकयाचाि कयाचािम वाया वयचत वाया वयचत ‗ी कनकधाया ी कनकधाया त त ‘ का ऩाठ का ऩाठ वात वात दष क द द य कयता हैहै। ुदष क ूय कयता दऩावर के दऩावर के दन ीरभी दन ीरभी ऩ ऩ जन के ऩचात ीकनकधाया ऩचात ीकनकधाया ूजन के त का त का ऩाठ ऩाठ कमा कमा जाए जाए त त घय घय क क नकायाभक नकायाभक ऊि ऊिजा का नाश ह नाश ह जाने जाने से स ख- सभ का भाि भािग शत हता शत हता हैहै। ुख ृ का वात साय भहारभी ऩ ऩ जन ु भतान ुसाय भहारभी ूजन वात साय भहारभी ऩ ऩ जन से घय -ऩयवाय भ ऩयवाय भ ु भतान ुसाय भहारभी ूजन से वैबव क बव क तठा तठा क क जा जा सकती सकती हैहै। शा भ शा भ काितक भास क भास क जागयण जागयण , ात : नान , त रसी सेवन वन , उमाऩन ुरसी से औय दऩदान औय दऩदान का का उतभ उतभ अवसय अवसय कहा कहा गमा गमा हैहैहयजागयणॊ ात : नानॊ त रससेवनभ वनभ ्। ्। ुरससे उमाऩनॊ दऩदानॊ तामेतान काि ान काितके॥ (ऩऩ याण उतयखॊड ड 117, 3)। ुयाण उतयखॊ
इन उऩाम इन उऩाम से से समबाभा ने समबाभा ने अऺम स अऺम स ख, सौबाम औय सौबाम औय ुख सॊऩदा के ऩदा के साथ सव साथ सव वय क स स रब कमा था। था। मद इस मद इस वय क ुरब कमा अवध भ अवध भ रभी भॊ रभी भॊ क क भारा भारा क क जाए जाए त त वैवैबव ात बव ात हता है हता है। वात थ भ रभी , मश -कित क ात क ात औय औय ु ॊथ भ अरभी के अरभी के नाश के नाश के उऩाम के उऩाम के ऩ भ ऩ भ कई उऩाम कई उऩाम भरते भरते ह। रभी , गामी भॊ गामी भॊ का का नयॊ नयॊतय जाऩ य जाऩ बी बी इटद इटद हैहै। भॊ मह है मह है — ú भहारमै च वहे च वहे वण ऩमै च धीभह च धीभह ुऩमै तन रभी तन रभी चदमात चदमात ्। ्।
कभरासना क कभरासना क ऩ ऩ जा से वैबव बव ूजा से ग हथ क हभे हभेशा कभरासन शा कभरासन ऩय ऩय वयाजत वयाजत रभी रभी क क ृहथ क ऩ जा कयनी चाहए। चाहए। देवीबागवत भ ीबागवत भ कहा गमा कहा गमा हैहै क ूजा कयनी कभरासना रभी कभरासना रभी क क आयाधना आयाधना से से इॊ ने ने देवाधयाज हने ाधयाज हने का गौयव का गौयव ात ात कमा कमा था। था। इॊ ने ने रभी क रभी क आयाधना आयाधना ‗ú कभरवासमै नभ :‘:‘ भॊ से से क थी। क थी। मह भॊ मह भॊ आज आज बी बी अच क है। ूक है
दऩावर क दऩावर क अऩने अऩने घय के घय के ईशानकण भ ईशानकण भ कभरासन ऩय कभरासन ऩय भी मा भी मा चाॊ चाॊद क द क रभी रभी क क तभा तभा क क वयाजत वयाजत कय कय , ीमॊ के के साथ मद साथ मद उत उत भॊ भॊ से से ऩ जन कमा जाए जाए औय औय ूजन कमा नयॊतय जाऩ य जाऩ कमा कमा जाए जाए त त चॊ चॊचरा रभी चरा रभी थय थय हती हती हैहै। फचत आयॊ फचत आयॊब हती हती हैहै औय ऩदनत औय ऩदनत भरती भरती हैहै। साधक क साधक क अऩने सय ऩय सय ऩय फलव फलव ऩ ऩ यखकय यखकय ऩॊऩॊह रक ह रक वारे वारे ीस त का जाऩ जाऩ बी बी कयना कयना चाहए। चाहए। ूत का धनतेयस यस – इस दन धन मदशी धन मदशी – इस दन धन धन के के देवता क ता क य औय भ भ म ु ु फेय औय ृम देवता मभयाज ता मभयाज क क ऩ ऩ जा का वशे वशेष भहव ष भहव हैहै । इसी दन इसी दन ूजा का देवताओॊ के वैम धनवॊ म धनवॊतय ऋष तय ऋष अभ अभ त करश सहत सहत ृत करश सागय भॊ सागय भॊथन से थन से कट ह कट ुह ए थे ए थे । अत इस दन इस दन धनवॊ धनवॊतय तय जमॊती भनामी ती भनामी जाती जाती हैहै । नयग यहते नयग यहते हेत ु उनका ऩ उनका ऩ जन ूजन कमा जाता कमा जाता हैहै । इस दन इस दन अऩने अऩने साभम अन साभम अन साय कसी ुसाय कसी बी ऩ बी ऩ भे भे चाद एवॊ चाद एवॊ अम धात अम धात खयदना अत श श ब है । ु खयदना अत ुब है धन सॊ धन सॊऩत क ऩत क ात ात हेहेत ु क य देवता के ता के रए घय रए घय के के ऩ जा ूजा ु फेय दे थर ऩय थर ऩय दऩ दऩ दान दान कय कय एवॊ भ म ता मभयाज ( ज ु देवता मभयाज ृम अकार भ अकार भ म कयता है ) के रए भ रए भ म वाय ऩय ऩय बी बी दऩ दऩ ु से कयता है ुम वाय ृम दान कय दान कय ।
काितक भास क भास क क क क ण मदशी क क धनते धनतेयस कहते यस कहते ह। ृ ण मदशी आज के आज के दन घय दन घय के के वाय ऩय वाय ऩय एक एक दऩक दऩक जराकय जराकय यखा यखा जाता है जाता है। आज के आज के दन नमे दन नमे फितन खयदना न खयदना श श ब भाना ुब भाना जाता है जाता है। धनतेयस के यस के दन मभयाज दन मभयाज औय औय बगवान बगवान धनवतय क धनवतय क ऩ ऩ जा का भहव भहव हैहै। ूजा का ऩ चौदस ऩ चौदस , नयक चत नयक चत शी एवॊ हन भान जमॊती ती इसे छट ुिदशी एवॊ ुभान जमॊ दऩावर बी दऩावर बी कहते कहते है । इस दन इस दन ऩ ऩ औय औय सौदि सौदिम दान कयने वारे देवता ी ता ी क क ण क सन सन कयने कयने के रए ऩ रए ऩ जा ूजा ृ ण क क जाती क जाती हैहै । इसी दन इसी दन बगवान बगवान ी ी क क ण ने नयकास य ुय ृ ण ने नाभक याऺस नाभक याऺस का का वध वध कमा कमा था था औय औय याऺस याऺस फायास फायास य वाया ुय वाया फॊद फनामी द फनामी गमी गमी सरह सरह हजाय हजाय एक एक सौ सौ कमाओॊ कमाओॊ क भ त दरामी थी थी ।। अत नयक चत नयक चत शी भनामी जाती जाती हैहै ुत दरामी ुिदशी भनामी । द सय अिथात ात गॊ गॊदगी है दगी है उसका अॊ उसका अॊत जय त जय हैहै । इस दन इस दन ूसय अि अऩने घय क घय क सपाई सपाई अवम अवम कय कय । ऩ औय ऩ औय सदि सदिम ात हेत ु इस दन इस दन शयय शयय ऩय ऩय उफटन उफटन रगाकय रगाकय नान नान कय कय । अॊजर ऩ जर ऩ फजयॊगफर हन फर हन भान का जभ जभ काि काितक क क क ु फजयॊ ुभान का ृ ण चत शी क या या भ भ ुह आ था आ था अत अत हन भान जमॊती बी ती बी इसी इसी ुिदशी क ुभान जमॊ दन भनामी दन भनामी जाती जाती हैहै । साॊम कार म कार उनका उनका ऩ ऩ जन एवॊ स दय ूजन एवॊ ु ॊदय
काॊड का ड का ऩाठ ऩाठ अवम अवम कय कय । दष -रभी -ऩ जन ूजन सामॊ-कार मथा कार मथा -शत ऩ शत ऩ जा -साभी क साभी क एक एक कय कय ऩव ऩव ूजा आसन ऩय आसन ऩय फैफैठेठे। आचभन कय आचभन कय दाए दाए हाथ भ हाथ भ जर -अऺत ऩ ऩ रेकय सॊ य सॊकलऩ कये कलऩ कये। मथा - ॐ अम याौ अम याौ आवन आवन ुऩ रे भासे-श र -ऩऺे ऩ तथौ अभ क -गम अभ गम अभ क ुर ूििणभामाॊ तथौ अभ ुक ुक शिभा (विभा मा दास मा दास) भभ सकर भभ सकर -द ख -दायम -नयास ुख ऩ क रभी -इ -क य -ऩ जनॊ अहॊ कयमाभ (कयमे। ूिवक रभी ूजनॊ ु फेय इसके फाद ऩ फाद ऩ जा -थान के थान के वाय ऩय वाय ऩय एक एक अट अट -दर -कभर ूजा फनाए औय फनाए औय उस उस ऩय ऩय ऩ ऩ ऩ -अऺत चाकय अऺत चाकय ‗वाय -देवताम ुऩ नभ‘ कहकय ऩ कहकय ऩ जा कये। पय गध पय गध -ऩ ऩ -अऺत छकय अऺत छकय ूजा कये ुऩ ॐ वायिव-बतम नभ बतम नभ‘ कहे। ‗ॐ भणे नभ, ॐ वात षाम नभ‘ से ऩ न ऩ ऩाऺत चाए। तफ ‗ॐ ु-ऩ ुषाम नभ ुन ुऩाऺत चाए। ब ब ु ि व व हम -वाहन , इहागछ इह इहागछ इह तठ तठ ‘ कहकय ूब ‗अन का अन का आवाहन आवाहन ‘ कये। ऩ न था -सा जर सा जर , अऺत , ुन ऩ ऩ रेकय - ‖इदॊ ऩामॊ, इदॊ अन रेऩनॊ, इदॊ अऺतॊ, एतान ुऩ रे ुरे गध -ऩ ऩाण , इदॊ ध र,ॊ इदॊ नैवेवेमॊ मॊ, ुऩाण ूऩॊऩॊ, इदॊ दऩॊ, इदॊ ताफ ूरॊ एते मव -च त -शार -तड रा, इदभाचभनीमॊ, एष ूिण-घ ु रा ृत ऩ ऩाञजर। ॐ हम -वाहनाम नभ। वाहनाम नभ।‘ कहकय अि कहकय अिऩत ुऩाञजर। कये। अफ ‗च -ऩ जा ‘ हेत ु ऩहरे च -देव का का आवाहन आवाहन कये कये ूजा ―ब ऩ ब ऩ ण द द , इहागछ इह इहागछ इह तठ तठ , एषऽिम इदवे नभ। ूण एतान ऩामान एतान ऩामान ॐ ॐ ऩ ण दवे दवे नभ।‘ कहकय था कहकय था -सा ूण गधाऺत , ऩ ऩ जर भ भ डारकय ‗ऩाम ‘ के रए अि रए अिऩत ुऩ जर कये। पय ‗इदॊ अन रेऩनॊ, इदॊ अऺतॊ, एतान गध एतान गध ुरे ऩ ऩाण , इदॊ ध औय इसके फाद द फाद द ध औय खीय खीय ुऩाण ूऩॊऩ,ॊ इदॊ दऩॊ‘ औय इसके ूध औय रेकय ‗इदॊ नैवेवेमॊ मॊ‘ कहते ुह ए ऩ ए ऩ जा -साभी क साभी क च च -देव ूजा क अि क अिऩत कये त कये। तफ इदॊ तफ इदॊ ताफ रॊ, इदॊ दऺ णा -मॊ, ूरॊ दऺ णाॊ सभिऩमाभ , कहकय बत कहकय बत -सहत णाभ सहत णाभ कये कये। पय बाि पय बािमा सहत सहत का का ऩ ऩ जन कये। ऩहरे आवाहन कये आवाहन कये ूजन कये ॐ सबािम- , इहागछ इह इहागछ इह तठ तठ ‘ कहकय प कहकय प ु जा -थान ऩय ऩ ऩय ऩ ऩ औय अऺत अऺत छे छे। पय ‗एतान ऩामादन एतान ऩामादन ुऩ औय सभिऩमाभ ‘ एवॊ ‗ॐ सबािम-ाम नभ ाम नभ‘ कहकय गध कहकय गध ऩ ऩ चाए। ‗एते भाष -तर -तड रा ॐ सबािम-ाम ुऩ चाए। ु रा नभ‘ कहकय ऩ कहकय ऩ वत वध से से ध ऩ- दऩ आद दऩ आद अि अिऩत कये त कये। ूवत वध ूऩ तफ ‗कदाम नभ कदाम नभ‘ कहकय कद कहकय कद -देव क क ऩ ऩ जा कये। ूजा कये
‖इदॊ ऩामॊ, इदॊ अन रऩे नॊ, इदॊ अऺतॊ, एतान गध एतान गध ुरे
ऩ ऩाण , इदॊ ध रॊ, इदॊ दऺ णा -मॊ, ुऩाण ूऩॊऩ,ॊ इदॊ दऩॊ, इदॊ ताफ ूरॊ एते भाष -तर -तड रा ॐ कदाम नभ कदाम नभ‘ कहकय ु रा उऩरध ऩ उऩरध ऩ जा -साभी अि साभी अिऩत कये त कये। ूजा ऩ न नदवय क नदवय क ऩ ऩ जा कयने हेत ु - ॐ नदवय -भ ने, ुन ूजा कयने ुने इहागछ , इह तठ इह तठ , एतान ऩामादन एतान ऩामादन सभि सभिऩमाभ। एते भाष -तर -तड रा ॐ नदशऽवय -भ नमे नभ‘ कहकय ु रा ुनमे उऩरध ऩ उऩरध ऩ जा -साभी अि साभी अिऩत कये त कये। ूजा इसके फाद ‗ॐ गभत , इहागछ , इह तठ इह तठ , एतान ऩामादन सभि ऩामादन सभिऩमाभ , ॐ गभमै नभ‘ से ऩ ूिव क बात ऩ त ऩ जा कये। ूजा कये ‗ॐ स यब इहागछ , इह तठ इह तठ , एतान ऩामादन एतान ऩामादन ुयब इहागछ
सभिऩमाभ। ॐ स यमै नभ‘ से ऩ जा -साभी अि साभी अिऩत ुयमै ूजा कये। ‗ॐ नक ब इहागछ , इह तठ इह तठ , एतान ऩामादन एतान ऩामादन ु ब इहागछ
सभिऩमाभ। ॐ नक बाम नभ‘ से ऩ जा कय भाष भाष -तर ूजा कय ु बाम नभ तड र (उद -तर -चावर ) दे। इसी काय इसी काय छाग छाग -वाहन ु र (अन -देव), ) , भेष ष -वाहन (वण ),), हत -वाहन (वनामक ),), अव -वाहन (येवत ) का आवाहन का आवाहन कय कय ऩ ऩ जा कये। मेक ूजा कये क उद क उद -तर -चावर का चावर का नै नैवेवम अि े म अिऩत कये त कये। अफ दाए अफ दाए हाथ भ हाथ भ ऩ ऩ -अऺत रे अऺत रेकय बगवती य बगवती रभी रभी का का ुऩ मान कये मान कयेॐ मा सा मा सा ऩ ऩ ासनथा , वऩ र- कट -तट , ऩ ूासनथा ुर दरामताऺी। गबीयावित-नाब, तन -बय -नभता , श ु वतयमा।। रभी दमै रभी दमैिगजेै ै। भण -गज -खचतै, नाऩता हे नाऩता हेभ- क । ु बै। नमॊ सा ऩ सा ऩ -हता , भभ वसत भभ वसत गलम ु ग ृहेह,े सिव-भाॊगलम म ता।। ुता।। उत काय उत काय मान मान कय कय ‗आवाहनाद -ऩ जन ‘ कये ूजन ―ॐ ब ब ु ि व व रभ , इहागछ इह इहागछ इह तठ तठ , एतान ूब
ऩामामाचभनीम -नानीमॊ, ऩ नयाचभनीमभ ्। ्।‖ ुनयाचभनीमभ पय रभी पय रभी क क तभा तभा अथवा अथवा म म क क ऩ ऩ जा कये। ऩहरे ूजा कये नान कयाए नान कयाए ॐ भदाकमा सभानीतै भदाकमा सभानीतै, हेभाबह -वासतै नानॊ क व देवश े श , सररॊ च स च स गधब।। ॐ रमै नभ।। ुगधब।। ु व दे तदतय ‗इदभन रऩनॊ, इदॊ सद जन ुरऩनॊ ूयॊयॊ, इदभऺतॊ‘ से ऩ ूजन कय रभी कय रभी देदेवी क ी क ऩ ऩ ऩ -भारा औय भारा औय ऩ ऩ ऩ अिऩत कये त कये ुऩ ुऩ अि ‗ॐ भदाय -ऩायजातामै,
अनेकै कै क भै श बै। । ुभै ुबै ु स ऩ जमाभ शवे, बतमा , कभरामै नभ नभ।। नभ नभ।। ॐ ूजमाभ शवे रमै नभ, ऩ ऩाण सभिऩमाभ।‘ ुऩाण सभि इसके फाद ‗इदॊ यत -वॊ, इदॊ वलव -ऩॊ, इदॊ भालमॊ, एष ध एष दऩॊ, एतान नाना एतान नाना -वध -नैवेवेमान मान , ूऩॊऩॊ, एष दऩॊ इसभाचनीमॊ। एतान नाना एतान नाना -वध -ऩवान -सहत नायकेरदक रदक -सहत -नाना -परान , ताफ रान , ूरान आचभनीमॊ सभिऩमाभ ‘ से ऩ जा कये। ूजा कये अत भ अत भ रभी जी रभी जी क क तीन तीन ऩ ऩ ऩाञजरमा दान कये दान कये ुऩाञजरमा ―ॐ नभते सिव-ब तानाॊ, वयदाऽस हय वयदाऽस हय -मे, ूतानाॊ
मा
गतवत ्-ऩनानाॊ, सा भे सा भे ब मात ् व व -दिशनात ्। एष ऩ ऩाञजर।। ॐ भहा ्। एष ऩ ूमात ुऩाञजर।। रमै नभ।।‖ रभी का रभी का ऩ ऩ जन के फाद ‗इ -देव‘ का ‗ॐ इाम नभ इाम नभ‘ ूजन के कहकय एवॊ कहकय एवॊ ‗क य का ‗ॐ क याम नभ‘ कहकय गधाद कहकय गधाद ु फेय का ु फेयाम नभ से ऩ जन कये। पय हाथ पय हाथ भ भ ऩ ऩ रेकय ‗ॐ इाम नभ इाम नभ‘, ूजन कये ुऩ रे ‗ॐ क याम नभ‘ कहकय णाभ कहकय णाभ कये कये ु फेयाम नभ ―ॐ धनदाम नभत धनदाम नभत मॊ, नध -ऩाधऩाम च। ऩाधऩाम च। बवत ुमॊ ु
वत ्-सादाने, धन -धामाद -सऩद।।‖
लमीजी क लमीजी क आती आती ॐ जम रभी जम रभी भाता भाता , भैमा जम मा जम रभी रभी भाता भाता ।। ... त भक नसदन से सेवत हय वत हय -वण धाता ॥ॐ जम ... ुभक नसदन ु-धाता ॥ॐ
उभा , यभा , भाणी , त भ ह जग जग -भाता । भाता । ुभ ह
स चभा मावत , नायद ऋष नायद ऋष गाता गाता ॥ॐ ॥ॐ जम ... ... ूिम-चभा मावत त भ ऩातार -नयॊजन , स ख- सऩत -दाता । दाता । ुभ ऩातार ुख जकई त जकई त भक मावत , ऋ -स -धन ऩाता धन ऩाता ॥ॐ ॥ॐ ुभक मावत ... जम ... त भ ऩातार -नवासन , त भ ह श श बदाता । ुभ ऩातार ुभ ह ुबदाता । ... किभ-बाव -काशन , बवनध क बवनध क ाता ाता ॥ॐ ॥ॐ जम ...
जस घय जस घय त त भ यहती , तह सफ सग ण आता ।। सफ सग ुभ यहती ुण आता ... सफ सबव सफ सबव ह ह जाता जाता , भन नहॊ भन नहॊ घफयाता ॥ॐ घफयाता ॥ॐ जम ...
त भ फन मऻ मऻ न न हते हते, व न व न ह ह ऩाता ऩाता ।। ुभ फन ... खान -ऩान का ऩान का वैवैबव सफ बव सफ त त भसे आता ॥ॐ आता ॥ॐ जम ... ुभसे
श ब- ग ण- भॊदय स दय स दय , ऺीयदध -जाता । जाता । ुब ुण ुदय ... यन चत यन चत श त भ फन कई कई नहॊ नहॊ ऩाता ॥ॐ ऩाता ॥ॐ जम ... ुिदश त ुभ फन
भहारभीजी क भहारभीजी क आयती आयती , ज कई ज कई नय नय गाता गाता ।। ... उय आनद उय आनद सभाता सभाता , ऩाऩ शभन ऩाऩ शभन ह ह जाता जाता ॥ॐ ॥ॐ जम ... (आयती कयके आयती कयके
शीतरकयण हे शीतरकयण हेत ु जर छ जर छ एवॊ वमॊ आयती र आयती र, ऩ जा भ सभरत सबी सभरत सबी रग रग क क आयती आयती दद ूजा भ पय हाथ पय हाथ ध ध र र।)