वयामा पर भी भारी पड़ सकते हैं वाजीकरण रसायन Sep 28, 11:00 pm
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सागर। कामश बढ़ाने व यौन जीवन को खुशहाल बनाने का दावा करने वाली दवाओं का बाजार दिु नया भर म तेजी से फैलता जा रहा है । इसम से आधे से कुछ कम हःसा जड़ी-बूटी आधा रत दवाओं का है । वै ािनक ूमाणन के अभाव म भारत क आयु व दक दवाएं इस बाजार म अपना जलवा नहीं दखा पा रही हैं , ले कन सागर व व ालय म चल रहा शोध काय भारत को इस बाजार का िसरमौर बनने क राह दखा सकता है । डा. ह रिसं ह गौर के िीय व व ालय के फामसी वभाग के ूोफेसर वनोद दी त ने बताया क आयु वद म जीवन म यौवन क उमं ग-तरं ग को बरकरार रखने के िलए वाजीकरण रसायन के से वन को ज री बताया गया है । ऐसे रसायन के से वन से शरीर म वाजी यानी अ के समान ताकत पैदा हो सकती है । उ ह ने बताया क हालां क बाजार म ऐसे रसायन को कामश बढ़ाने व यौन जीवन को खुशहाल बनाने का दावा करने वाली दवाओं के प म बेचा जा रहा है , ले कन वै ािनक ूमाणीकरण के अभाव म ए दवाएं दे शी व वदे शी बाजार म अपे त लोक ूयता हािसल नहीं कर पा रही हैं । हमारा शोध इसी कमी को पूरा करने क दशा म है और यह अपनी तरह का पहला शोध है । ूो. दी त के िनदशन म वाजीकरण रसायन के फाइटोकेिमकल एवं फाम कोला जकल ूभाव वषय पर शोध कर रहे छाऽ नागे ि िसं ह चौहान ने बताया क फलहाल उनका शोध सफेद मू सली, ताल मखाना, अकरकरा, साजन िमौी, साजन पंजा व िशविलं गी नामक औषधीय पौध पर के ित है । चौहान ने बताया क अब तक के शोध िनंकष व चूह पर कए गए ूयोग से यह पता चला है क इन औषधीय घटक म मानव शरीर के यौवन काल क उमं ग-तरं ग को लं बे समय तक बरकरार रखने क अ त ु ताकत है । उ ह ने कहा क भले ही इन पौध से बनी दवाओं को कामश बढ़ाने व यौन जीवन को खुशहाल बनाने वाला बताकर बेचा जाता है परं तु ए जड़ी-बू टयां पूरे शरीर को से हतमं द बनाने का काम करती हैं । हाल ही म ःवटजरलैं ड म आयो जत 57वीं इं टरने शनल कांमेस एंड एनु अल मी टं ग आफ द सोसायटी फार मे डिसनल लांट ऐंड ने चुरल ूोड ट रसच म 87 दे श से आए वै ािनक व शोधािथय के बीच सागर फामसी वभाग के शोध छाऽ नागे ि के काम को काफ सराहा गया। उनके शोध पऽ को सवौे शोध ूःतुित का अवाड भी दया गया। साथ ही उ ह ःवटजरलैं ड आने -जाने का यय-भ ा भी दया गया। इसी शोध काय पर ने शनल फेलोिशप हािसल करने वाले चौहान ने बताया क विभ न वाजीकरण रसायन को िमलाकर एक नई औषिध क खोज क गई है , जसका चूह पर भी सफल ूयोग कया जा चुका है व अगले चरण म मनु ंय पर इसका ूयोग होगा। उ होने कहा क इं सान म इन रसायन का उपयोग आयु व दक दवाओं के प म हजार साल पहले से ही होता चला आ रहा है । नई ईजाद क गई दवा को पेटट कराने के िलए भी कोिशश चल रही है । शोध काय के िनदे शक ूो. दी त ने बताया क वयामा जै सी एलोपैिथक कामो े जक दवाएं शरीर पर तेजी से मगर कुछ ही समय तक अपना असर दखा पाती हैं , जब क वाजीकरण रसायन शरीर क पूरी कायूणाली म सु धार लाने के तहत ही काम श व यौन यवहार को बेहतर बनाते हैं । उनका असर लं बे समय तक बरकरार रहता है और उनका कोई दंु ूभाव भी नहीं पड़ता। असल म आयु वद महज कामो े जना बढ़ाने के िलए नहीं वरन सं तुिलत जीवन जीने व अ छ सं तान पैदा करने के िलए इन रसायन के से वन क हमायत करता है । इसी िसलिसले म शोध छाऽ चौहान ने बताया क रसायन के से वन के बाद चूह के केवल से स हारमोन के ाव म ही नही ब क शु बाणुओं क सं या, उनके जीवन काल व गित विधय म भी वृ दे खी गई। ए रसायन यौन यवहार के िनयं ऽण म सहायक ःनायु तंऽ व रसाव मंिथय क कायूणाली पर भी सकारा मक असर डालते हैं । इन दवाओं के से वन से ःनायु तंऽ पर होने वाले ूभाव का अ ययन होना बाक है ले कन रसाव मंिथय पर पड़ने वाले ूभाव क पु हो चुक है । शोध क अहिमयत के बारे म व व ालय के फामसी वभाग के ूो. दी त ने बताया क आयु व दक के वाजीकरण रसायन के वै ािनक ूमाणीकरण का अभी तक कोई उ ले ख नहीं है । यह शोध जड़ी-बूटी आधा रत दवाओं के व बाजार म भारत क आयु ष दवाओं के िलए सफलता के ार खोल सकता है । िनजता नीित सेवा क शत आपके सुझाव इस पृ क साममी जागरण ूकाशन िलिमटे ड ारा ूदान क गई है