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This graduate textbook is a "primer" in macroeconomics Develops in a simple and rigorous manner the central topics of modern macroeconomic theory including rational expectations, growth, b…Descripción completa
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Descripción: Score para banda sinfonica del afamado Huapango de Jose Pablo Moncayo
बौद्ध सिद्धों के चर्यापद - आचार्य परशुराम चतुर्वेदीFull description
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Beatles for string quartet
Beatles for string quartet
Preparation of p-nitroacetanilide which is then hydrolyzed to p-nitroaniline, nitration of acetanilideFull description
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Descripción: Bois, J.-P. - La Revolución Francesa
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Academic work submitted to VTU under MBA course during third semester.
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Estudio
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Positivo PositivoDescripción completa
telusur akred 2012
भागयवाद क े खतर े े जदीशर चतुव दी दी े िअह ं ं िफलत ियोतष मासकचर का अं ह ै ै।द ।द े ेखन खन िअहसक सक िकतु व ै ैिचारक िचारक प से िह ं ं िह सक सक ह ै ै। सािमाजक े म इसकी महवपू ण व ै ैषय षय, उपीडन ,ि लंभ भ े ेद,ी उपीडन और वणम यवथा को बनाए रखन ण भूि मका ह ै ै। े सािमा ह और भागय क े बहान िमाजक ह की िसृ म अणी णी ह ै ै। िफलत ियोतष वभावत:लचीला एव ं ं एव उदार े क े नाम पर यापक ह ै ै। 'जो मोे वही िमले ा ा ' क े जिनय नार े े क े तहत य े ेक समया का समाधान सुझान े पर जिनयता िहासल करन े म इसे सफलता िमली ह ै ै।सतह े वाले इस िवषय का ैप ैमान मान ।सतह पर सबका िदखन समाज क े सबसे कमजोर लो से कम और समथ या ताकतवर लो की सा को बनाए रखन े से यादा संबंबंध ह ै ै।यह ।यह वभावत: समानता , बंधुधु व और जनत ं ं जनत का िवरोधी ह ै ै। फलत: हमेा से िअधनायकवाद का भावाली औजार रहा ह ै ै।इसका ।इसका सािमाजक आधार अद -ि ित और िितव ह ै ै।यही ।यही सािमाजकव फासीवादी और िअधनायकवादी ताकत का भी सािमाजक आधार ह ै ै। फ ै ् ै ्् र ं ंकफ कफ ु टट क ू ू ल क े समाजाी एडोन क े मुिताबक ि ताबक समाज म भागय और िफलत ियोतष क े ित िजतना आकष ण बढ़ े ेा ा िितयावादी और फासीवादी ताकत का उतनी ही त ेजी जी से वचव बढ़ े ेा। ा। े वाल का समू ह ह ै ै, कमकाड िअवव े ेकवादी कवादी पर ं ं परपरा परा म एक ओर झाड़ -फ ं करक े जीन काड, पौिरोहय िआद की ू ू क तकहीन पर ं ं परपराए ं ं पराए ह, द ू ूसरी स री ओर ियत क े िनजी िहत की रा क े नाम पर िचलत िफलत ियोतषा भी े ह ै ै। िनजी िहत की रा क ैसे से कर ? इसका चरमोकष िहटलर क े उथान म द े ेखा खा जा सकता ह ै ै। िहटलर न ि नजी िहत को चरमोकष पर पह ु ँचाकर च ाकर समूची ची मानवता को िवना क े कार पर पह ँ ु ु चा िदया था।िनजी िहत े म असमथ होत े े ह।और अंतत े ही िहत क े पर जोर द े ेन न े क े कारण हम िनजी िहत क े पर े े द े ेखन खन तत: अपन े लत े े ह। ि खलाफ काम करन िअवव े ेकवाद कवाद जरी नह ह ै ै िक िवव े ेकवाद कवाद की सीमार े ेखा खा क े बाहर िमले िबक े की िवव े ेकवादी यह भी संभव भव ह ै ै िक वह व को संिरत िरत करन कवादी िया म ही मौजू द हो। िफलत ियोतष म कमकाड काड की मुख भूि मका नह ह ै ै।कम ।कमकाड इसम िहाए पर ह ै ै।भागय ।भागय की धारणा े कही ई बात को आं ख मचकर मानत े े ह।उसका तक ह ै ै िक म िजनका िवशास ह ै व े े ियोतषा क े बहान ियोतषी की बात का िअतव ह ै ै,िफलतियोतष का िअतव ह ै ै,वह चलन म ह ै ै। लाख लो का उस पर े तक का उन े म ि वशास ह ै ै इिसलए हम भी सहज ही िवशास हो जाता ह ै।िफलत ।िफलत ियोतषा अपन े वाले िराफल हमेा इत े ेमाल माल करता ह ै ै जह ियत की िबुद व े े नह करती।अथवा अखबार म छपन उन बात पर रोनी डालत े ह जह पाठक िसय प से भा नह ले ता। पाठक का इस तरह अनुभव से े आता ह ै ै।अनु अलाव सामन ।अनुभव से अलाव क े कारण पाठक िअवशास और पलायनबोध म जीता ह ै ै। िभवयफल म रोचक और िवलण िभवयिवाणय होती ह िजन पर पाठक सं द े ेह करता ह ै ै। यही संद े ेह आधुि नक िअवव े ेकवाद कवाद की सबसे बड़ी पू ं ं जी जी ह ै ै।इसक ।इसक े िऐतिहासक कारण ह।इनम ।इनम सबसे मुख कारण समाज म ंभीरता भीरता का अभाव।ंभीरता भीरता क े अभाव क े कारण ियोतष,त ं ं,मं, कमकाड काड िआद की तरफ यान जाता ह ै ै।ं ।ंभीरता भीरता क े अभाव म प ै ैदा दा ह ु ुए इस तरह क े िफिनोमना क े ंभीर भीर सािमाजक िपरणाम ह। े िफलत ियोतष आम तौर पर ियत क े आलोचनामक िवव े ेक क े बाहर िसय होता ह ै ै और ािमाणक होन का दावा करता ह ै ै।इसे ।इसे छ िवव े ेकवाद कवाद भी कह सकत े ह।वह वातव जरत क े आधार पर काय करता ह ै ै। े जाता ह ै ै तो वातव समया क े बार े े म पू छता आम तौर पर ियोतषी क े पास जब कोई ियत पू छन छन छता ह ै ै िक े घ े ेरा या होा या या कर ?वह यह मानकर चलता ह ै ै िक उसक े जीवन को ह न रा ह ु ु आ ह ै ै और ह की चाल क े बार े े म ियोतषी अछी तरह से जानता ह ै ै।इसक ।इसक े कारण िअत-वाितवकता प ै ैदा दा हो जाती ह ै ै।यह ।यह िअतवाितवकता वय ं ं वय म िअवव े ेकपू कपूण ण ह ै ै।िऐतिहासक ।िऐतिहासक िवकास म म इसका अियधक िवकास ह ु आ ह ै ै और व क े ि हत को न करती ह ै ै। ियोतषी मिनोवान मिनोवान और सािमाजक मिनोवान मिनोवान की अवधारणा णाओं का इत ेमाल माल े वाले िराफल कॉलम म फलाद े े इस ैली म होता ह ै ै िजससे यह आभास करता ह ै ै।प ।प-िपकाओं म छपन ि मलता ह ै ै िक ियोतष ही द ै ैिनदन िनदन समयाओं क े समाधान का एकमा ािमाणक राता ह ै ै।साथ ।साथ ही यह भी अथ यत होता ह ै ै िक ियत क े िभवय क े बार े े म कोई अद ृ ृय य ित ह ै ै जो जानती ह ै ै।इसका ।इसका तापय यह भी ह ै ै िक वय ं ं वय क े बार े े म अय यादा जानता ह ै ै। िराफल म यादातर बात सािमाजक मनोदा को यत करती ह।िकतु यादातर बात का सािमाजक और मनोव ै ैािनक ािनक वाितवकता से कोई संबंबधं नह होता। इस तरह क े फलाद े े पाठक की िदाहीनता और िअिनयता का द ुपयो पयो करत े े ह।
िफलत ियोतष पुरानी िअवव े ेकील कील पर ं ं परपरा परा का सबसे जिनय ा ह ै ै।साधारण ।साधारण आदमी एक घड़ी क े े से इंकार े म ि लए िधामक होन कार कर सकता ह ै ै िकतु भागय को ले कर कर ियोतषी क े कह े े ह ु ुए को अवीकार करन उसे अिसुवधा होती ह ै ै यिक वह यह मानता ह ै ै िक फलाद े े का ह से सं बंबधं ैह ै।िफर ।िफर भी िफलत ियोतष को अंिधवशास िधवशास की मनोव ै ैािनक ािनक संरचना रचना कहना िमुकल ह ै ै।िफलत ।िफलत ियोतष पर िवचार करत े समय यान रह े े ि क इसका समाज क े बृहम िहसे से सं बंबंध ह ै ै अत:ि कसी भी िकम का सरलीकरण अिसुवधा प ै ैदा दा कर ि सयत ै सकता ह ै ै। इसका ियत क े अह ं ं अह(इो) और सािमाजक ह ैि सयत से हरा सं बंबधं ह ै ै।इससे ।इससे लो म आिमवशास प ै ैदा दा होता ह ै ै।अत ।अत: इसे 'छ िवव े ेकवाद कवाद' कहना िउचत होा। फलाद े े की संरचना रचना म िअवव े ेकवाद कवाद पृभू भूि म म रहता ह ै ै।सतह ।सतह पर जो िभवयफल होता ह ै ै वह िताकक े वाले खतर की िभवयिवाणय इस तरह की जाती ह िक व े पाठक को भयभीत तीत होता ह ै ै।िभवय ।िभवय म आन े। ् न कर। िभवयवाण् 0ि ाय इ स तरह तरह की िभाष िभाषक िभा क सं रचना रचना म होती ह िजससे उनक े ित आथा बन फलाद े े म हमारी सं क क ृि त ।साथ ही पाठक को याविहारक ृि त क े िअववादापद प पर जोर िदया जाता ह ै।साथ सलाह दी जाती ह ै ै।कभी ।कभी -कभी ऐसी सलाह दी जाती ह ै जो कॉमनसस क े दायर े े का िअतमण कर जाती ह ै ै। कॉमनसस क े सुझाव झ ाव म छ िवव े ेक साफ िदखाई द े ेता ता ै ह ै। इस तरह की सलाह क े साथ िकसी न िकसी तरह का आियामक समाधान सुझाया जाता ह ै ै।मसलन् ।मसलन् ादी जदी होी िकतु पी से नह बन ेी।सब ी।सब क ु छ ितपूवव क चले इसक े िलए जरी ह ै ै िक मू ं ं ा ा की अं ूठी ूठी पहनो।इस तरह क े सुझाव िकसी अद ृ ृय य ित की सा की महा िथापत करत े ह।यही । यही अद ृ ृय य ित राजिनी िनीत म िअधनायकवादी िअधनायकवादी दी ितय का सािमाजक सािमाजक आधार ििनमत करती ह ै ै। फलाद े े म मनोव ै ैािनक ािनक धारणाओं क े आधार पर सािमाजक एटीयू टस टस का इत े ेमाल माल आम िवृ ह ै ै। े क े िलए इसका इत े ेमाल खासकर मास कयुि नक ेन न क े े म ि हडन ि' हडन िमीन ं ं' यानी िछप े े ुह ुए अथ को खोजन माल ि कया जाता ह ै ै।िकतु ।िकतु िछपा ह ु ु आ अथ वातव अथ म अवचेतन नह ह ै ै। अवचेतन तन वह िहसा ह ै ै जो न तो ि दखाई द े ेता ता ै ह ै और न िदमत ह ै ै।िबक ।िबक परो संक ेत द े ेता ता ै ह ै। मसलन् 'तुम जानत े े हो म या कहना चाहता ह ू ँ ू ।' ियोतष क े बार े े म हमार े े िनकष अथायी ह।हमारा लय िसफ यह बताना ह ै िक ियोतष या करता ह ै ै और िकसे सं िबोधत िबोधत करता ह ै ै। सवाल सवाल उठता उठता ह ै ै िक ियोतषी िजासु से िढ़य म बात य करता ह ै? िटीरयोटाईप अनुमान य लाता ह ै ै ?या इससे से िकसी तय तय का उाटन उाटन होता होता ह ै ै ? मास कियुनक ेन न की सामी का क ृि म ृि म तौर पर िनमता की मािनसकता से सं बंध होता ह ै ै। िकतु यह कहा जाता ह ै ै िक यह समूह िवेष की िअभिच ह ै ै।हम ।हम तो वही िदखात े ह जो िआडए ं ं िआडएस मकरती ह ै ै।इस ।इस तरह सामी की िजमेदारी द ूसर स ।यही बात हम िफलत ियोतष पर िवचार करत े े र े क े मथे मड़ दी जाती ह ै ै।यही े िवचार और चािलाकय को अय क े मथे मड़ द े ेता समय यान रखनी होी।ियोतषी चालाकी से अपन ता ह ै ै। उनका िजासु की अवथा से कोई सं बंध नह होता।वह ियत को ह क े त ं ं क े हवाले कर द े ेता ता ह ै ै। मसलन् जब आप िकसी ियोतषी से यह पू छत े े ह आपकी नौकरी कब लेी तो तु र ं ंत कह े ेा ा िक फल -फल े क े चस ह। िकतु एक बाधा ह ै ै ु खराब चल रहा ह ै ै अत: ु का उपाय करन े से बात संभल समय लन भल सकती ह ै ै।जिबक ।जिबक वातव म नौकरी का ु से अथवा रधारण या ु क े पूजा ज ा -पाठ से कोई सं बंबधं नह ह ै ै। े का तापय यह ह ै ै िक ियोतष की सामी को िजासु की मािनसकता का िितबबन मानकर कहन यिक तौर पर िवलेि षत िवलेि षत नह करना िचाहए।साथ ही हम ियोतष सं बंबधी ंधी सामी क े काक या चारक की मािनसकता क े साथ इस सामी का घालमेल नह करना िचाहए।खासकर लेखक की मािनसकता क े साथ घालमेल नह करना िचाहए।इस तरह का अययन हम बह ु ु त द ू ूर तक नह ले जा सकता। कला क े े म 'ोज ेन न ' को िअत महव िदया जाता ह ै। रचना म ले खक खक की मंा ा ािमल होती ह ै ै। ि कतु सब समय उसे िनधरक तव क े प म द े ेखना खना ठीक नह ह ै ै।य ।य ही कोई कलाकार समया का े भाव भी ािमल कर द े ेता ि नधरण कर द े ेता ता ह ै ै।य ।य ही उसम क ु छ अपन ता ै ह ै।िकतु ।िकतु रचना िअधकतर मामल े वतुत म कलाकार की इछाित की बजाय अपन त कारण से ही ििनम त होती ह ै ै।रचना ।रचना म रचनाकार की मंा ा ािमल होती िकतु इससे भी यादा महवपू ण ह ै ै रचना का सम ढ़चा।सम ढ़चा तु त यथाथ की सीमा िनधिरत करता ह ै ै।साथ ।साथ ही लेखक की िनजी िअभिय िअभियतत की सीमाए ं ं सीमाए भी िनधिरत करता ह ै ै।यह ।यह सच ै ह ै ि क लेखक की मं ा ा की भूि मका होती ह ै ै िकतु इससे भी यादा महवपू ण ण ह ै ै वह तयुदा द ा प ै ैटन टन िजससे लेखक बंधा धा होता ह ै ै।यही ।यही ििथत फलाद े े की होती ह ै ै।इसम ।इसम ियोतषी की मंा ा से यादा महवपू ण ण ह ै ै ैप ैटन टन,वह भाषा जो ियोतषी इत े ेमाल माल करता ह ै ै।फलाद ।फलाद े े की भाषा िकसी एकतव से बं धी धी नह होती।िबक सम प ै ैटन टन से
बंधी धी होती ह ै ै।मसलन् ।मसलन् ियोतषी हमेा िजासु की िपारिवारक पृभूि म ि म एव ं ं एव सक ृि तक का इत े ेमाल माल ृि तक पृभूि म करता ह ै ै।इस ।इस तरह का यो उसे िभवयफल म मदद करता ह ै ै।साथ ।साथ ही वह द े े या जातीयता और समसािमयक िपिरिथतय को भी ज ेहन हन म रखता ह ै ै।य ।य े े सब बात िजासु की ित नह करत अत : उसे इनक े इत े ेमाल माल से िकसी तरह की िकायत भी नह होती।िभवयफल म िकसी िदन िवेष या िितथ िवेष को भी ियोतषी महव द े ेता ता ह ै ै। ियोतषी यह मानकर चलता ह ै ै िक ह क े भाव को िखारज नह िकया जा सकता।यिक इनका सं बंबधं ियत क े जीवन की समयाओं से होता ह ै ै।इसी ।इसी अथ म यह धम से िभ ह ै ै।इस ।इस तरह की मायता म ििनहत ि वव े ेकहीनता कहीनता िय ियत को ोत ोत से द ूर ही नह रखती िअपतु उसे िनव ियतक ियतक प म प े े करती ह ै ै।यह ।यह क ृतिवादय तिवादय का िअतक ृतवाद तवाद ह ै ै।ियोतषी ।ियोतषी इसका इत े ेमाल माल करत े े समय उसे यथासंभव भव द ू ूर ले जाता ह ै ै। साथ ही र्अमू बना द े ेता ता ै ह ै।ोत ।ोत से सं पक पक करना और उसकी थाह म जाना िकसी क े िलए संभव भव नह होता।यह एक तरह से हमारी िजदी म यात िवव ेकहीनता कहीनता ,अपारिदता ता ,तकहीनता अथवा अबोधयता े म असमथ होता ह ै ै यह तक िक की ही िअभियत ह ै ै।सरल ।सरल ियत जीवन , समाज की िजटलता को समझन सय ियत भी समाज की िजटलता को समझन े म असमथ होता ह ै ै।कई ।कई तरह क े अंितव ितवरोध और अथहीनता से दो-चार होता ह ै ै।ऐसे ।ऐसे म ियोतषी ियत की तकहीनता हीनता क े साथ साव प ै ैदा दा करता ह ै ै।ििवभ ।ििवभ सािमाजक और तकनीकी ोत से प ै ैदा दा ह ु ुई अिसुवधाओं क े साथ साव प ै ैदा दा करता ह ै ै।वह ।वह यह भी संेिे षत करता ह ै ै िक सािमाजक यवथा की तरह मनुय का 'भागय' उसकी इछा और िच से वत ं ं वत ै ह ै।वह ।वह ह क े े से उच धरातल पर ारा उचतरीय िरमा एव ं ं एव िरकत की उमीद प ै ैदा दा करता ह ै ै िजससे ियत अपन ब े ेहतर हतर ढ़ ं ं से िरकत कर सक े।मसलन् ।मसलन् एक ियत लोक संघ सेवा आयो की परीा म ब ैठना ठना चाहता ह ै ै ि कतु उसम आिमवशास कम ह ै ै।ऐसे ।ऐसे म ियद उसे िकसी ियोतषी क े ारा यह बता िदया जाय िक वह परीा म पास हो जाएा और आईएएस हो जाएा तो उसका हौसला बु लंद हो जाता ह ै ै और वह अपनी कमजोरी या े का तापय यह िक ह का मू यकन े वाली क ुठा ।कहन यकन सािमाजक सािमाजक िया िया म आन आन ठा से मुत हो जाता ह ै ै।कहन े का मनोबल दान करता ह ै ै।मनोबल े का यह िआदम िमुकल को आिमवशास क े साथ हल करन ।मनोबल बढ़ान फामू ला ल ा ह ै ै। िफलत ियोतष का िधामकता क े ित िम भाव ह ै ै।िकतु ।िकतु ियोतष और िधामकता म अं तर तर ह ै ै।िधाम ।िधामकता का आथा से सं बंबंध ै ह ै,अनुकरण से सं बंबधं ैह ै।ियोतष ।ियोतष का भी आथा से सं बंबधं ैह ै और अनुकरण से संबंबंध ह ै ै। इस अथ म दोन म साय ह ै ै।िकतु ।िकतु ियोतष का बुि नयादी तौर पर तक की िअवव े ेकवादी कवादी पर ं ं परपरा परा से सं बंबंध ह ै ै। े ढ़ ं ं से इत े ेमाल इसक े कारण िजासु फलाद े े का मनमान माल करता ह ै ै। ेवाली जिनय िमथ ह ै ै िक ियद ह का सही ढ़ ं ंढ़ से फलाद े े हो तो सािमा सािमाजक सा जक जीवन जीवन म आन आन वाली बाधाओं को े की िको की जाती सहज ही संभाला भाला जा सकता ह ै ै।इस ।इस िमथ क े आधार पर ियोतष को ' े र ेनल नल' बनान ह ै ै।इसका ।इसका यह भी अथ ह ै ै िक ियोतष क े ित सही यवहार िकया जाय तो यह िवव ेकपू कपूण ण यवहार करता ह ै ै। े आंितरक सही िभवयवाणी का अथ ह ै ै अपन ितरक और बा जीवन पर पू ण ण िनय ं ं िनयण।ियद ण।ियद फलाद े े कॉलम को ौर से पढ तो उनम िवव े ेक और िअवव े ेकपू कपूण ण अितवरोध रोध आसानी से िमल जाए ं ं जाए े।य । े य े े अितवरोध रोध सािमाजक यथाथ म यात तनाव को यत करत े ह। यह सच ैह ै िक अवचेतन तन क े आयाम िआदम और िनणयक होत े ह। िकतु फलाद े े म उनका उाटन नह ेि सव ि कया जाता।िबक अवचेतन तन क े उह िआदम आयाम को यत िकया जाता ह ै जो कामुक आन दं ं और प ेि सव क ृि त ता ह ै ै। ृि त क े होत े े ह।इसका अथ ह ै ै िक फलाद े े ियत को िकसी अात ित क े ित सिमपत कर द े ेता अात ित क े ित समपण का राज राजिनी रा िनीतक तक अथ अथ ह ै ै िअधनायकवादी ताकत क े ित समपण।इसी ण।इसी तरह भागय क े िलए ऊज िजन ताकत से आती ह ै उह एिकसर े े से िनवियतक प म रखा जाता ह ै।ह ।ह का संेेषण षण अमू प म होता ह ै ै।इसकी ।इसकी कोई ठोस ल नह होती। यही कारण ह ै ै िक ियत इसक े साथ सामंजय जय िबठा लेता ह ै ै।यह ।यह ियत की मनुय की इमे ज तुत नह की जाती। फलाद े े म िबुनयादी या तौर तौर पर आधुि नक मासकचर और िनधरणवादी पिदत का यो िकया जाता ह ै। आधुि नक मासकचर की िवे षता षता ह ै ै ियतवाद और इछाित की वत ं ं वतता ता का ितरोध। इसक े कारण वातव वत ं ं वतता ता खम हो जाती ह ै ै।यही ।यही प ै ैटन टन फलाद े े म भी िमलेा।फलाद े े म यह ििनहत रहता ह ै ै िक ियत जो क ुछ भी करता ह ै ै वह उसक े ह क े भाव की द े ेन ै ह ै।यह ।यह तक िक ियत का िचर और ियतव भी ह की द े ेन ह ै ै।िकतु ।िकतु यह ियत क े ऊपर िनभर करता ह ै ै िक वह या चु न न े ?ि सफ एक छोटा े की जरत ह ै ै।इस सा उपाय करन ।इस पिदत क े मायम से ियत को िनजी फ ैसले सले लेन न े क े िलए उिसाहत
करता ह ै ै।चाह ।चाह े े िनजी फ ैसले सले का क ुछ भी िपरणाम िनकले।ऐसा करक े ियोतषा ियत को ह क े तथािकथत िनय ं ं िनयण ण क े बाहर एन म ले जाता ह ै ै।साथ ।साथ ही यह बोध बनाए रखता ह ै ै िक ियोतषा का काय ह ै ै सलाह द े ेना ना और ियत ियद न चाह े े तो सलाह को ठ ु ुकरा करा भी सकता ह ै ै। ियद फलाद े े क े साथ सामंजय जय िबठा लेत े ह तो ठीक ह ै ै ियद फलाद े े को नह मानत े े तो अनहोनी हो सकती ह ै ै।िपरणाम ।िपरणाम क ुछ भी हो सकत े े ह।इसका । इसका अथ यह भी ह ै ै िक ियत की वत ं ं वतता ता अविछत िपरणाम की ओर ले जा सकती ह ै।अत ।अत: इसका इत े ेमाल माल ही न करो।यानी वत ं ं वतता ता खोखली धारणा ह ै ै।ियद ।ियद फलाद े े क े अनुसार चलोे तो सही ि दा म जाओे ियद ियतत फ ैसले सले लोे तो लत िदा म जाओे।इस तरह वह वत ं ं वत ता ता की धारणा को ही अासंि क अासंि क बना द े ेता ता ह ै ै।